Monday 3 October 2011

हे 'मिथिलानी' आब जागु अहूँ

हे 'मिथिलानी' आब जागु अहूँ
बढ़ू जग के संग आब आगू अहूँ
तोरि कुंठित समाज क कुंठित बंधन
प्रगति मार्ग पर चालू दन-दन
अहूँ क सकै छि दुष्ट क मर्दन
पर लेबय परत संकल्प एकर
दहेज़-उत्पीडन के विरोध करू
एहि दानव के निषेध करू
नहीं आवश्यक विवाहक बंधन
बस अपन पैर पर ठाढ़ रहू
हे 'मिथिलानी' आब जागु अहूँ
आब हटा दियौ लाज क पर्दा
आ आँखिक नोर अंहा पोछि लिय
नहीं दुर्बल बनी रहू जग में
युग के बदल के ठानि लिय
आब राजनीति में अहूँ उतरु
पायलट, आफिसर अंहा सेहो बनु
हे 'मिथिलानी' आब जागु अहूँ
आई.ए.एस या आई.पि.एस या
एहि देश क अंहा भविष्य बनु
अछि गौरवशाली मिथिला क इतिहास
अंहा मिथिलानी क इतिहास गढ़ु
हे 'मिथिलानी' आब जागु अहूँ
            - प्रणव झा 'सूरज का सातवाँ घोड़ा'

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