आई रक्षिता भारतीय सेना के मेडिकल कोर्प में कमिशंड होबय जा छलिह । ऐ समारोह में हुनकर मां – पप्पा अर्थात रिद्धि आ रोहन सेहो आयल छलाह । रिद्धि के आई अपन बेटी के लेल किछु बेसिए दुलार आ फ़क्र बुझना जा रहल छल । समरोह में कुर्सी पर बैसल बैसल ओ पुरना खयाल में डूबि गेल छलिह ।
जखन पीजी - सुपर स्पेशलिटी के एंट्रेंस में रक्षिता नीक रैंक नेने छलिह तखन रोहन हुनका दिल्ली के एकटा जानल-मानल प्राईवेट मेडिकल इंस्टिच्युशन में प्रवेश लेब लेल कहने छलाह । ओ रक्षिता के बुझा रहल छलाह जे देखह बेटी ओ नामी कॉरपोरेट अस्पताल छै, नीक पाई भेटत, संगहि नाम आ शोहरत सेहो बढत त जिनगी ठाठ से कटत, तहि लेल कहै छि जे आर्मी अस्पताल में प्रवेश लेबय के जिद्द जुनि करू। ओतय अहां सं पहिनेहे बॉण्ड भरायल जायत आ पोस्ट डोक्टोरल (सुपर-स्पेशलटी) करय के बाद अहां के कैएक साल धरि सेना में जिवन घस पडत आ नै त लाखक लाख टका बॉन्ड भरू ! मुदा रक्षिता कहां मानय वला छलिह, छुटिते ओ बजलिह: अहुं ने पप्पा किछु बाजि दैत छी! हमरा जतेक नीक एक्स्पोजर आ लर्निंग के सुविधा आर्मी अस्पताल में भेंटत ओहन सुविधा अहांक ओ कॉरपोरेट अस्पताल में कतय सं भेटत! आ आर्मी अफ़सर के यूनिफ़ार्म देखने छी पप्पा कतेक चार्मिंग आ मस्त होई अछि ने, आ ओईपर सं आर्मी के रैंक पप्पा – सोचियौ जे डाक्टर के संगहि जौं हमरा कैप्टन , मेजर आ कर्नल रक्षिता रोहन के नाम सं पुकारल जायत त कत्तेक सोंहंतगर लगतै ने । आ अहां! ओना त टीवी डिबेट देख देख क हरदम सेना आ राष्ट्रवाद के जप करैत रहै छी आ आई जखन हम सेना के सेवा करय चाहै छी त अहां हमरा रोकि रहल छी! – इ सब गप्प ओ एक सुर में कहि गेल छलिह।
एत्तेक सब सुनला के बाद कहां रोहन हुनका रोकि सकल छलाह । आ फ़ाईनली ओ आर्मी अस्पताल में डीएनबी-प्लास्टीक सर्जरी प्रोग्राम में प्रवेश ल लेने छलिह। जिद्दीयो त ओ बहुत बडका छलिह । पीजी एडमिशन के टाईम पर सेहो रिद्धि हुनका सं कहने छलिह जे अहां लडकी छी अहि लेल लडकी बला कोनो स्पेशल्टी ल लिय – ओब्स गायनी, रेडियोलोजी या एहने सन कोनो मेडिकल स्पेशिलिटी ल लिय; कत्तौ, कोनो अस्पताल में आराम सं काज भेंट जायत अ नै त अप्पन क्लिनिक सेहो खोलि सकै छी । फ़ेर विवाह दान भेला के बाद बर संगे एड्जस्ट्मेंट सेहो बनल रहत ।
"बर गेल अंगोर पर । हमरा त प्लास्टिक सर्जन बनै के अछि आ ओकरा लेल हमरा जनरल सर्जरी पढय के हेतै, त हम सर्जरी मे एडमिशन ल रहल छी बस । " – मां के बात के जवाब में ओ इ बात एक सुर में कहि गेल छलिह ।
रक्षिता बाल्यावस्थे सं होनहार बच्ची छलिह आ एकर श्रेय वास्तव में रोहन के जाइ अछि । नेनपने सं ओकरा पढबै के जिम्मेवारी रोहन अपने सम्हारने छलाह । १०-१२ घंटा के ड्यूटी के बाद जखन ओ हारल थाकल घर आबै छहाल तखनो ओ बड्ड लगन सं रक्षिता के बैसा क पढबै छलाह । हुनका पढबै खातिर समय निकालबा के चक्कर में कैएक बेर हुनका ऑफिस में अपन अधिकारी से सेहो उलझय पडय छल । एहन स्थिति में कै बेर रिद्धि कहने छलिह जे कत्तौ ट्यूशन लगा दियौ, आई-कैल्ह बिना ट्यूशन के कहीं बच्चा पढलकै अछि, मुदा रोहन हुनकर गप्प कहियो नै सुनलाह । इंटर में गेला पर इ सब दास सर के संपर्क में आयल छलाह, जे बड्ड योग्य शिक्षक छलाह, आ दास सर सेहो रक्षिता के पढबै में बहुत मेहनत केने छलाह, जेकर ई परिणाम छल जे रक्षिता एमबीबीएस के लेल सेलेक्ट भ गेल छलिह । जखन ओ दास सर सं गुरूदक्षिणा मांगय कहने छलिह त सर कहने छलाह जे "बेटी चिकित्सा मनुख क सेवा करय वला पेशा अछि, त जतेक भ सकै लोक सभ के सेवा करिह, यैह हमर दक्षिणा होयत ।
याद क पांइख लगा क रिद्धि अतित के गहराई में उतरय लागल छलिह । रोहन के संग हिनकर विवाह क कैएक वर्ष भ गेल छल मुदा हुनका कोनो संतान नै भेल छल । एक दिन अचानके स रोहन एकटा जन्मौटि नेना के कोरा मे नेने आयल छलाह आ ओकरा रिद्धि के कोरा मे राखि देने छलाह आ कहलाह जे "अपन बिटिया रानी"।
"हाय राम! इ केकर बच्चा उठा के नेने एलहु अछि?" रिद्धि रोहन से पुछने छलिह । रोहन उत्तर दैत कहने छलाह जे "हम अनाथालय में एकटा बच्चा लेल आवेदन केने छलहु, आई ओतय स खबर आयल छल जे एकटा जन्मौटी बच्चा के केयौ राइख गेल अछि अनाथालय में यदि आहां देखय चाहै छि त …….।" बस हम ओतय पहुंच गेलहुं आ एत्तेक सुन्नैर नेना के देख क झट हं कहि देलहुं आ सभटा फ़ोर्मलिटि पुरा कय क एकरा अहां लग नेने एलहु अछि।
"मुदा इ ककरो नाजाय बच्चा……"
"हा..हा..हा… बच्चा कोनो नाजायज नै होई अछि, नाजायज त ओकरा समाज बनबै अछि" रिद्धि के बात काटैत रोहन बजने छलाह, आ जवाब बे रिद्धि बस एतबे बजने छलिह जे "अहां एकर रक्षक भेलहु आ इ हमर रक्षिता अछि।"
अतितक गहराई में डूबल रिद्धि के कान में अचानक से रोहन के उ स्वर गूंजय लागल छल, आ हुनकर तन्द्रा तखन टूटल जब हुनका कान में रक्षिता के नाम गूंजल जे रक्षिता के कमिशनिंग आ बैज ओफ़ ओनर के लेल बजाबय लेल पुकारल गेल छल । रिद्धि के आंखि सं मोती जेका नोर टपकय लागल छल, कियेकि आई हुनकर बेटी एकटा आर्मी अफ़सर का एकटा कुशल प्लास्टिक सर्जन जे बनि गेल छलिह।
bahut nik kahani aich.kich nayapan lagal
ReplyDeleteआभार अपनेक
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