कहबै छि हम जनप्रतिनिधि
मुदा भेंटब नै हम कोनो विधि
मचल रहौ जनता में हाहाकार
रहै छि तैयो हम निर्विकार।
किये सोची कोना जीबैत निर्धन
निमग्न छि बढाब में अप्पन धन
नै मतलब कतय भेल अन्याय
बस अप्पन पैर में नै फाटै बेमाय।
सगर गाँव रहौ अन्हरिया में
बनल रहि हम बस ‘पावर हाउस’
छात्र सब भने होएत रहै फेल
किएक लेबै हम ककरो टेर?
ठप्प रहै रेल क यातायात
कहु ई भेल कोन बड़का बात!
लड़ै छि बड़का जुबानी जंग
बजबै छि ट्वीटर पर झाइल मृदंग।
भेटै अछि जौं आलोचक लोक
झट द करै छि हुनका ब्लॉक
आयल कत्तेक सुन्नर बरसात
कवि लिखू अहूँ किछु रसगर बात।
शहर तब्दील भेल नाला में
व्यस्त छि हम घोटाला में
शिक्षा-स्वास्थ्य बनि गेल अछि व्यापार
युवा भ रहल अछि बेरोजगार
मुदा हम मगन ई आशा में
विधाता करताह बेड़ा पार।
शुरू करब सभटा अप्पन खेल
जखन आयत वोट लेबा के बेर
नै छोड़ने छि कोनो विकल्प
चुनत सब हमरे बेरम बेर।।
चुनत सब हमरे बेरम बेर।।
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